अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या के गोविंदगढ़ स्थित आश्रम में हनुमानगढ़ी के संत महेश दास को जिंदा जलाने की सनसनीखेज कोशिश की गई है। संत के अनुसार, रात करीब 2:45 बजे अज्ञात लोगों ने कमरे की जाली काटकर भीतर ज्वलनशील पदार्थ फेंका। उस समय वे जमीन पर सो रहे थे। जैसे ही आग उनके बिस्तर तक पहुंची, उन्हें गर्मी का एहसास हुआ और नींद खुली। कमरा धुएं और आग से भर चुका था। संत ने भागकर अपनी जान बचाई और शोर मचाया, जिसके बाद शिष्यों ने पहुंचकर आधे घंटे की मशक्कत के बाद बालू और पानी से आग को काबू में किया। तब तक कंबल और अन्य सामान जलकर नष्ट हो चुका था।
संत महेश दास ने आरोप लगाया है कि बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास और उनके समर्थक लगातार उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी उन्हें दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की योजना बनाई गई थी। उनका दावा है कि बसंतिया पट्टी की तरफ से दो साल से मिलने वाली सहायता बंद कर दी गई है और दान पात्र में जमा धन की लगभग दो करोड़ की धांधली भी की गई है, जिसकी शिकायत उन्होंने गद्दीनशीन महंत प्रेमदास से की थी।
संत का कहना है कि हनुमानगढ़ी की चार पट्टियों—उज्जैनिया, बसंतिया, सागरी और हरिद्वारी—के अंतर्गत 40 से 50 आश्रम आते हैं, जिनमें गोविंदगढ़ आश्रम भी शामिल है, जहां वे महंत हैं। उनका आरोप है कि आश्रम की संपत्ति पर कब्जा जमाने के लिए उन्हें मारने की योजना रची जा रही है। स्थानीय लोगों का भी मानना है कि गद्दी से जुड़े विवाद के चलते यह हमला हो सकता है। पुलिस फिलहाल CCTV फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से मामले की जांच कर रही है और जल्द आरोपियों की पहचान का दावा कर रही है।
संत महेश दास अपने योग रिकॉर्ड्स के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने दावा किया है कि वे 1661 घंटों में एक करोड़ 51 लाख कपालभाति स्ट्रोक कर चुके हैं, जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। वे प्रतिदिन 11 घंटे कपालभाति करते हैं और इस उपलब्धि के लिए उन्होंने पांच महीने तक केवल फलाहार पर निर्भर रहते हुए तपस्या की। इससे पहले वे सरयू नदी में 13,100 बार डुबकी लगाकर भी चर्चा में आ चुके हैं।